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Stock Market Closing: शेयर बाजार में तेजी लौटी, सेंसेक्स 445 अंक मजबूत, निफ्टी 17,000 के पार
Stock Market Closing: वैश्विक बाजारों में मजबूत रुख तथा प्रमुख इंडेक्स में अच्छी हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज और बैंक शेयरों में लिवाली से बाजार बढ़त में रहा.
Stock Market Closing: घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को तेजी लौटी और बीएसई सेंसेक्स 445 अंक से अधिक चढ़ गया. वैश्विक बाजारों में मजबूत रुख तथा प्रमुख इंडेक्स में अच्छी हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज और बैंक शेयरों में लिवाली से बाजार बढ़त में रहा. आज के कारोबार के अंत में तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 445.73 अंक यानी 0.77 प्रतिशत की बढ़त के साथ 58,074.68 अंक पर बंद हुआ. आज के कारोबार के दौरान एक समय यह 504.38 अंक तक चढ़ गया था. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 119.10 अंक यानी 0.70 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,107.50 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ज्यादा 3.11 प्रतिशत चढ़ा. इसके अलावा बजाज फाइनेंस, टाइटन, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, लार्सन एंड टुब्रो, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी और कोटक महिंद्रा बैंक में प्रमुख रूप से तेजी रही. दूसरी तरफ, पावर ग्रिड, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और एशियन पेंट्स नुकसान में रहने वाले शेयरों में शामिल हैं.एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में तेजी रही। अमेरिकी बाजार सोमवार को बढ़त में रहे थे. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.65 प्रतिशत चढ़कर 74.27 डॉलर प्रति बैरल पर रहा.
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों सोमवार को शेयर बाजार में बिकवाल बने रहे. इस दौरान उन्होंने 2,545.87 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे हैं. -
शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ी
CBI ने कहा कि मामले में जांच अभी जारी है और अहम मोड़ पर है. राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने नोट किया कि मनीष सिसोदिया अभी ED कस्टडी में है.
दिल्ली नई आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने CBI के केस में आप नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ा दी है. मनीष सिसोदिया को ED कस्टडी के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिय पेश किया. मनीष सिसोदिया को CBI केस में न्यायिक हिरासत खत्म होने पर VC के ज़रिय कोर्ट में पेश किया. CBI ने कहा कि मामले में जांच अभी जारी है और अहम मोड़ पर है. राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने नोट किया कि मनीष सिसोदिया अभी ED कस्टडी में है.
बता दें कि मनीष सिसोदिया 22 मार्च तक ED की हिरासत में हैं. सिसोदिया के वकील ने उनकी रिमांड अवधि बढ़ाने की ईडी के अनुरोध का विरोध करते हुए कहा था कि तथाकथित अपराध से अर्जित आय पर जांच एजेंसी कुछ नहीं बोल रही है, जबकि मामले के केंद्र में यही है। उन्होंने यह भी कहा कि हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने का कोई तुक नहीं है और सिसोदिया की पूर्व की सात दिवसीय हिरासत के दौरान उनका सामना केवल चार लोगों से कराया गया।प्रवर्तन निदेशालय ने नौ मार्च को सिसोदिया को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था। यहां वे दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से बंद हैं.
इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है, जिसने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 अब रद्द की जा चुकी है. -
क्या अमृतपाल सिंह की हो गई गिरफ्तारी? हाईकोर्ट में वकील ने जताया संदेह
याचिकाकर्ता वकील इमान सिंह खारा का दावा है कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है
पंजाब के कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पेश करने के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas corpus) दायर की गई है. वकील इमान सिंह खारा की ओर से यह याचिका दाखिल की गई है. इस मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है. अमृतपाल सिंह की कथित अवैध गिरफ्तारी के मामले में जस्टिस एनएस शेखावत ने आज ही पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इमान खारा द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण पर सुनवाई की.
याचिकाकर्ता वकील इमान सिंह खारा का कहना है कि पुलिस ने अमृतपाल को अरेस्ट कर लिया है. उसे 24 घंटे में कोर्ट के सामने पेश करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है. पुलिस ने कानून का उल्लंघन किया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है. परसों इस मामले की सुनवाई होगी. हाईकोर्ट की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. आज जस्टिस एनएस शेखावत ने अपने कैंप कार्यालय में मामले की सुनवाई की. इसमें एजी, पंजाब भी पेश हुए.गौरतलब है कि कट्टरपंथी खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस की तरफ से लगातार प्रयास जारी है. इस बीच, सुरक्षा कर्मियों ने राज्य के कई हिस्सों में फ्लैग मार्च किया है और प्रशासन ने मोबाइट इंटरनेट व एसएमएस सेवा पर लगी रोक सोमवार दोपहर 12 बजे तक बढ़ा दी है. पंजाब पुलिस के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा है कि अमृतपाल सिंह भगोड़ा है और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य भर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) और पुलिस आयुक्तों (सीपी) के नेतृत्व में जिला पुलिस और अर्धसैनिक बलों (पीएमएफ) की कंपनियों द्वारा फ्लैग मार्च किया गया.
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भारतीय लोकतंत्र और इसके संस्थानों की सफलता कुछ लोगों को तकलीफ पहुंचा रही : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि लोकतंत्र परिणाम कैसे दे सकता है, हमने शासन को मानवीय स्पर्श दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि, ”हमारे लोकतंत्र और इसके संस्थानों की सफलता कुछ लोगों को तकलीफ पहुंचा रही है और यही कारण है कि वे उन पर हमला कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि, ”पहले घोटाले सुर्खियां बनते थे, अब ‘भ्रष्ट’ अपने खिलाफ कार्रवाई के कारण हाथ मिला रहे हैं.” पीएम मोदी ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में यह बात कही.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ”विश्व के अग्रणी अर्थशास्त्री, विश्लेषक, विचारक एक स्वर में कह रहे हैं कि यह भारत का समय है. उन्होंने कहा कि, सभी सरकारों ने अपनी क्षमता के अनुसार काम किया, हम नए परिणाम चाहते थे और हमने अलग गति एवं पैमाने पर काम किया.”पीएम मोदी ने कहा कि, ”बैंक खातों में 2.5 लाख करोड़ रुपये के सीधे हस्तांतरण से छोटे किसानों को बहुत लाभ हुआ है. नागरिकों में अब विश्वास है कि सरकार उनकी परवाह करती है, हमने शासन को मानवीय स्पर्श दिया है.”
उन्होंने कहा कि, ”भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि लोकतंत्र परिणाम कैसे दे सकता है.” पीएम मोदी ने कहा कि, वैश्विक बाजारों में मौजूदा उथल-पुथल के बावजूद भारत की आर्थिक और बैंकिंग प्रणाली मजबूत है. उन्होंने कहा कि, “वैश्विक संकट के बीच, आज भारत की आर्थिक प्रणाली मजबूत है, बैंकिंग प्रणाली मजबूत है. यह हमारे संस्थानों की शक्ति है.” -
मनीष सिसोदिया की रिमांड 5 दिन और बढ़ी, ईडी ने कहा- अहम मोड़ पर है मामले की जांच
दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया की ईडी रिमांड कोर्ट ने 5 दिन और बढ़ा दी है. ईडी ने बताया कि अभी ईमेल में मिले डेटा, उनके मोबाइल फोन का फॉरेसिंक विश्लेषण किया जा रहा है.
दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को अदालत में पेश किया. कोर्ट में ईडी ने ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया की अतिरिक्त रिमांड देने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने माल लिया. मनीष सिसोदिया की रिमांड 5 दिन और बढ़ा दी गई है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि सिसोदिया ने अपना फोन नष्ट किया, उनसे एक बार फिर पूछताछ किए जाने की जरूरत है. अभी ईमेल में मिले डेटा, उनके मोबाइल फोन का फॉरेसिंक विश्लेषण किया जा रहा है. वहीं, सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई ने एफआईआर के कुछ दिन के भीतर अगस्त 2022 में ईसीआईआर दर्ज किया, कम्प्यूटर को ज़ब्त कर उसकी जांच की, अब दूसरी एजेंसी उसी प्रक्रिया को दोहराना चाहती है. ये तर्क देते हुए सिसोदिया के वकील ने ईडी रिमांड बढ़ाने की मांग का विरोध किया.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने कहा कि क्या ईडी, सीबीआई की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है? ईडी को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ? यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ. कंफ्रंट कराने के लिए हिरासत की ज़रूरत नहीं होती है, समन जारी कर कंफ्रंट कराया जा सकता है.मनीष सिसोदिया ने खुद कोर्ट से कहा, “रोज़ाना आधा से एक घंटा ही पूछताछ होती है. बस कल ही देर तक पूछताछ हुई है.”
ईडी ने कहा, “दो लोगों को 18, 19 मार्च को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है. ई-मेल, मोबाइल डेटा मिला उसको कंफ्रंट करवाना है.” इस पर कोर्ट ने कहा कि ईमेल जैसा डेटा का कंफ्रंट को आप जेल में भी करवा सकते हैं.ईडी ने कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है, अगर अभी हिरासत नहीं मिली, तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी. पूछताछ CCTV की निगरानी में की जा रही है. 5 से 12 फीसद का पता लगाने और प्रोसीड ऑफ क्राइम का पता लगाने के लिए ही गिरफ्तारी की गई.
सिसोदिया के वकील ने कि दिनेश अरोड़ा 15 मार्च को ईडी मुख्यालय में था, लेकिन कंफ्रंट नहीं करवाया गया, अब कह रहे हैं कि दिनेश अरोड़ा से कंफ्रंट करवाना है. -
क्रिसिल का अनुमान, अगले वित्त वर्ष में छह प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
एजेंसी का मानना है कि अगले पांच वित्त वर्ष में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी. क्रिसिल ने आगे कहा कि अगले वित्त वर्ष में कंपनियों की आय में दो अंकीय वृद्धि हो सकती है.
देश की अर्थव्यवस्था के अगले वित्त वर्ष 2023-24 में छह प्रतिशत की धीमी रफ्तार से बढ़ने का उम्मीद है. घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बृहस्पतिवार को यह अनुमान लगाया है. क्रिसिल का यह अनुमान अर्थव्यवस्था की वृद्धि के बारे में लगाए गए अन्य आकलन के समान है. एजेंसी का मानना है कि अगले पांच वित्त वर्ष में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी. क्रिसिल ने आगे कहा कि अगले वित्त वर्ष में कंपनियों की आय में दो अंकीय वृद्धि हो सकती है.
वहीं राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की संभावना जताई है. ज्यादातर विश्लेषक इसे एक महत्वाकांक्षी आंकड़ा मान रहे हैं. सात प्रतिशत की कुल वृद्धि दर के लिए अर्थव्यवस्था को चालू वित्त वर्ष की मौजूदा तिमाही में 4.5 से अधिक की दर से बढ़ना होगा.क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डी के जोशी ने अपने वार्षिक वृद्धि अनुमान में कहा कि भू-राजनीतिक घटनाक्रमों, लगातार ऊंची मुद्रास्फीति और इसका मुकाबला करने के लिए ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी ने वैश्विक परिवेश को और अधिक निराशाजनक बना दिया है.
उन्होंने कहा कि मई, 2022 से नीतिगत दर रेपो में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि का प्रभाव अगले वित्त वर्ष में अधिक देखने को मिलेगा..ऊंचे आधार प्रभाव की वजह से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष में औसतन पांच प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. चालू वित्त वर्ष में यह करीब 6.8 प्रतिशत रहेगी.
हालांकि, रबी की अच्छी फसल से खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी, जबकि धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था से मुख्य मुद्रास्फीति नरम होगी.एजेंसी के प्रबंध निदेशक अमीश मेहता ने कहा कि देश की मध्यम अवधि की वृद्धि संभावनाएं बेहतर हैं. हमें उम्मीद है कि अगले पांच वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की औसतन सालाना वृद्धि दर 6.8 रहेगी.
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CDS General Bipin Rawat बिपिन राहत
CDS General Bipin Rawat Biography जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के जांबाज अधिकारी थे। वे देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे जिन्होंने कई अहम मौकों पर देश का सर गर्व से ऊंचा किया। आइए बिपिन रावत के बारे में सब कुछ जानें।
जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के जांबाज अधिकारी और देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) थे। भारत सरकार द्वारा 2019 में पहली बार सीडीएस के पद की घोषणा की गई और उस समय के सेना प्रमुख बिपिन रावत को ही इसके लिए सबसे उपयुक्त माना गया। जनरल रावत की 8 दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। आइए, सैनिक के रूप में भारत की सेवा करने वाले बिपिन रावत के बारे में जानें।
बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले (पहले के उत्तर प्रदेश राज्य) में 16 मार्च 1958 को राजपूत परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम बिपिन लक्ष्मण सिहं रावत था। उनका पूरा परिवार कई दशकों से देश को सैन्य सेवाएं दे रहा था और उनके पिता भी लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। बिपिन रावत की मां उत्तरकाशी जिले से थीं और उनके पिता पूर्व विधायक किशन सिंह परमार थे।
बिपिन रावत ने कहां से की पढ़ाई
(1) बिपिन रावत ने अपने बचपन की पढ़ाई देहरादून स्थित कैम्ब्रियन हॉल स्कूल और शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से की।
रावत इसके बाद खडकवासला के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हो गए और फिर देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी से प्रथम श्रेणी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
(2) बिपिन रावत ने इसके बाद 1997 में वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) से स्नातक और अमेरिका के फोर्ट लीवनवर्थ, कंसास में यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ कॉलेज (USACGSC) से हायर कमांड कोर्स किया।(3) रावत ने फिर मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में एमफिल डिग्री के साथ-साथ प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा प्राप्त किया।
(4) 2011 में सैन्य-मीडिया रणनीतिक अध्ययन पर उनके शोध के लिए उन्हें मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।सेना में करियर की शुरुआत
बिपिन रावत ने 16 दिसंबर 1978 को 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन से अपने सैन्य करियर की शुरुआत की। इसके बाद जनवरी 1979 में उनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में हुई। नेफा इलाके में जब रावत की तैनाती हुई तो उन्होंने बटालियन की अगुवाई भी की। रावत ने कांगो में यूएन की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की। 1987 में अरुणाचल प्रदेश स्थित सुमदोरोंग चू घाटी में हुई भारत-चीन झड़प के दौरान भी चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को हराने के लिए तत्कालीन कैप्टन रावत की बटालियन को तैनात किया गया था। चीन के साथ यह गतिरोध 1962 में हुए युद्ध के बाद विवादित मैकमोहन बॉर्डर लाइन पर पहला सैन्य टकराव था।
ऊंचाई पर जंग लड़ने और इन चीजों में थे एक्सपर्ट
सेना में 43 साल के अपने सेवाकाल के दौरान जनरल रावत का नाम सबसे ज्यादा इसलिए भी चर्चित था क्योंकि वो कई चीजों के एक्सपर्ट थे। रावत ऊंचाई वाले इलाकों पर युद्ध लड़ने में माहिर थे, इसी के साथ वे काउंटर ऑपरेशन और कश्मीर मामले के भी एक्सपर्ट माने जाते थे। चीन की सीमाओं और एलओसी पर कैसे सैन्य कार्रवाई की जाए इसकी समझ भी उनमें काफी थी, इसी कारण वो इन इलाकों में सबसे ज्यादा तैनात भी रहे।
बिपिन रावत की बड़ी सफलताएं
बिपिन रावत ने कई बड़े अभियानों पर बड़ी सफलता पाई थी। रावत 2020 से 2021 में अपनी मृत्यु तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) रहे थे। रावत ने पूर्वोत्तर में उग्रवाद को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। साल 2015 में म्यांमार में क्रॉस-बॉर्डर अभियान चलाकर कई आतंकियों को ढेर करने के पीछे भी जनरल रावत थे। सेना ने उस दौरान म्यांमार में नागा आतंकी संगठन एनएससीएन (के) आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया था। रावत पाकिस्तान में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के भी योजनाकार बताए जाते हैं।
जनरल रावत के ये बयान रहे चर्चा में…
बिपिन रावत के सेना में रहते हुए कई बयान खासे चर्चा में रहे। कश्मीर से धारा 370 हटाने और सीएए पर उनके बयान काफी चर्चा में रहे थे। साल 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नागरिकता रजिस्टर को लेकर रावत के बयान का काफी विरोध हुआ था। सीएए और एनआरसी का देश के कई राज्यों में हुए हिंसक विरोध के बाद रावत ने कहा था कि मैंने देखा कि कई यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के छात्र उस भीड़ का नेतृत्व कर रहे हैं जो आगजनी कर रही है। यह नेतृत्व कोई अच्छा नेता नहीं कर सकता क्योंकि असली नेता वही जो सभी को सही रास्ते पर लेकर चले। उनके इस बयान का कई लोगों ने विरोध किया था।
इसके बाद रावत ने अपने बयान पर सफाई भी दी और कहा कि सेना हमेशा राजनीति से दूर रहती है और सरकार के आदेश के तहत ही काम करती है।
कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन पर 2018 में संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर भी रावत ने कड़ी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत में किसी को भी इस रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए, ये सिर्फ दुर्भावना से प्रेरित है। सेना का मानवाधिकार को लेकर रिकॉर्ड हमेशा अच्छा रहा है।जवानों का कई बार किया बचाव
कश्मीर में जवान द्वारा एक व्यक्ति को जीप से बांधकर घुमाने का वीडियो सभी ने देखा होगा। वीडियो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुआ था। सेनाधिकारी लितुल गोगोई की तस्वीरें सामने आने पर रावत ने उनका बचाव कर प्रशस्ति पत्र से सम्मानित भी किया था।
BSF के जवान तेज बहादुर द्वारा सोशल मीडिया पर सैनिकों को खराब खाना देने की बात करने पर भी रावत का बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि जवानों को अगर कोई शिकायत हो तो उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए न की सोशल मीडिया पर कुछ डालना चाहिए।वायुसेना को कहा था ‘सहायक शाखा’
रावत ने एक सम्मेलन में वायुसेना को सशस्त्र बलों की सहायक शाखा बताया था। उन्होंने इसकी तुलना इंजीनियरों और तोपखाने से की थी। रावत के इस बयान के बाद तत्कालीन वायु सेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल आरके एस भदौरिया ने कहा था कि वायुसेना कोई सहायक नहीं किसी भी युद्ध में उसकी बेहद अहम भूमिका होती है।
काश पत्थरबाज हम पर गोली चलाते’
बिपिन रावत ने कश्मीर में पत्थरबाजों पर भी एक बयान दिया था जिसपर काफी विवाद हुआ था। उन्होंने कहा था कि काश ये पत्थरबाज सेना पर पत्थर नहीं, गोली चलाते…तो मैं वो कर पाता जो करना चाहता हूं। रावत ने कहा था कि सेना किसी भी इलाके में एक दोस्त की तरह होती है, लेकिन जब हमें कानून व्यवस्था ठीक करने को भेजा जाता है तो वहां के लोगों को हमसे डरना ही चाहिए।
बिपिन रावत की मौत कब और कैसे हुई
बिपिन रावत की मौत 8 दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई थी। रावत अपनी पत्नी मधुलिका और निजी स्टाफ समेत कुल 10 यात्रियों और 4 सदस्यों वाले चालक दल के साथ वायुसेना के Mi-17 हेलिकॉप्टर पर सवार थे, तभी हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। वे सुलुरु वायुसेना हवाई अड्डे से रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन जा रहे थे। तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के कुन्नूर तालुके में यह हादसा हुआ था। हेलीकॉप्टर में सवार सभी 14 लोगों की मौत हो गई थी।
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पाकिस्तान: इमरान खान ने लाहौर में मार्च की अगुवाई की, गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस
इमरान खान के समर्थकों ने उन्हें दाता दरबार ले जा रहे काफिले पर गुलाब की पंखुड़ियां फेंकी, जहां वह अपनी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समर्थकों को संबोधित कर सकते हैं.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में सोमवार को उनके हजारों समर्थकों ने मार्च निकाला. वहीं, खान के खिलाफ दो गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद उन्हें गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद पुलिस यहां पहुंची.
खान के समर्थकों ने उन्हें दाता दरबार ले जा रहे काफिले पर गुलाब की पंखुड़ियां फेंकी, जहां वह अपनी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समर्थकों को संबोधित कर सकते हैं.
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तोशाखाना मामले में अदालत में पेश होने में विफल रहने और पिछले साल यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक महिला न्यायाधीश को कथित तौर पर धमकी देने के मामले में खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं.
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, खान के खिलाफ दो गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद इस्लामाबाद पुलिस पीटीआई प्रमुख को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष हेलीकॉप्टर से लाहौर पहुंची, जिसके बाद खान अपने जमां पार्क निवास से मार्च की अगुवाई के लिए रवाना हुए.इससे पहले, लाहौर जिला प्रशासन ने मार्च, उसके मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की.
हालांकि, जिला प्रशासन ने एक शर्त रखी कि पार्टी का कोई भी नेता न्यायपालिका या किसी अन्य संस्थान के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेगा. -
LIC ADO Prelims 2023: 12 मार्च को होने वाली एलआईसी एडीओ प्रारंभिक परीक्षा के लिए निगम ने जारी किया UFM रूल्स, आप भी जानें
LIC ADO Prelims 2023: एलआईसी एडीओ प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन रविवार, 12 मार्च को किया जाना है. इस परीक्षा में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए निगम द्वारा निर्धारित अनफेयर मींस के नियमों को जानना बेहद जरूरी है.
LIC ADO Prelims 2023: मार्च का महीना शुरू हो गया है, इस महीने कई एकेडमिक एक्टिविटी होने वाली है. इस महीने जहां कई स्टेट बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट की घोषणा की जाएगी, वहीं कई प्रवेश परीक्षाएं और सरकारी परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. इस महीने एलआईसी एडीओ भर्ती परीक्षा भी होने वाली है. इस परीक्षा का आयोजन रविवार, 12 मार्च 2023 को किया जाना है. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अपरेंटिस डेवलपमेंट ऑफिसर (ADO) पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया है. इच्छुक उम्मीदवार एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट licindia.in पर जाकर एलआईसी एडीओ प्रीलिम्स एडमिट कार्ड 2023 डाउनलोड कर सकते हैं. योग्य उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा देनी होगी. इस भर्ती अभियान के माध्यम से कुल 9394 रिक्त पद भरे जाएंगे.
एलआईसी एडीओ प्रारंभिक परीक्षा में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए निगम द्वारा निर्धारित अनफेयर मींस (UFM) के नियमों को जान लेना बेहद जरूरी है. यूएफएम मतलब कदाचार से संबंधित नियम.एलआइसी एडीओ परीक्षा के लिए अनफेयर मींस (UFM) रूल्स
1.एलआईसी एडीओ परीक्षा के दौरान किसी और के स्थान पर परीक्षा देना, परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करना या परीक्षा कक्ष में दुर्व्यवहार करना, अनुसूचित साधनों का प्रयोग करना, ये सभी अनफेयर मींस रूल्स के तहत आते हैं.परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों को मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर, स्मार्ट घड़ी, हेडफोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लेकर जाने की मनाही है. उम्मीदवारों को इसका कड़ाई से पालन करना चाहिए.
3.निगम ने जिन वस्तुओं को प्रतिबंधित किया है, उम्मीदवार उन्हें परीक्षा केंद्र पर ले जाने से बचें. कारण कि परीक्षा केंद्रों पर इन वस्तुओं को रखने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.एलआईसी एसडीओ प्रारंभिक परीक्षा (LIC ADO Prelims Exam 2023)
एलआईसी एसडीओ प्रीलिम्स परीक्षा 12 मार्च को आयोजित की जाएगी. यह परीक्षा एक घंटे की होगी. इसमें तर्कक्षमता, संख्यात्मकता योग्यता और अंग्रेजी भाषा से प्रश्न होंगे. अंग्रेजी से 30 प्रश्न और तर्कक्षमता, संख्यात्मकता से 35-35 प्रश्न होंगे. बता दें कि परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं है. लेकिन सही उत्तर के लिए उम्मीदवार को एक अंक मिलेंगे. इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा. -
गुस्से में ममता बनर्जी, खतरे में विपक्षी एकता…
राजनीति के जानकार मानते हैं कि हाल के कुछ महीनों से ममता के तेवर प्रधानमंत्री के लिए नरम हैं और वो उन पर तीखे हमले करने से बच रही है.
पश्चिम बंगाल के सागरदिघि में विधानसभा के उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस हार गई. यह सीट ममता बनर्जी के एक मंत्री के निधन की वजह से ख़ाली हुई थी. सागरदिघि की यह सीट कांग्रेस ने 51 वर्षों बाद जीती है वो भी 10 हज़ार वोटों से.
इस सीट को हारने के बाद जाहिर है ममता बनर्जी का गुस्सा होना लाजमी था. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने इस सीट के लिए बीजेपी से अंदरखाने हाथ मिला लिया और बीजेपी ने अपने वोट कांग्रेस को ट्रांसफर करवा दिए. जबकि आंकड़े कहते हैं कि पिछली बार तृणमूल कांग्रेस ने यह सीट 50,000 वोटों के अंतर से जीती थी जबकि इसबार उसे केवल 64,681 वोट मिले. वहीं, कांग्रेस को 87,667 वोट और बीजेपी को 25,000 वोट मिले.ममता बनर्जी के गुस्से का कारण यह भी है कि यह मुस्लिम बहुल इलाका है और यहां आदिवासी भी हैं. ममता दीदी का ग़ुस्सा होना लाज़मी था, उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी यानि ‘एकला चलो रे’.
वैसे यह भी सच्चाई है कि 2011 के बाद के सभी चुनाव ममता बनर्जी ने अकेले ही लड़े हैं. दरअसल लोगों को लगा था कि कांग्रेस की सभी समान विचारधारा वाले दलों के इकट्ठा आने के अपील पर ममता बनर्जी सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगी. मगर उन्होंने अकेले लड़ने की बात कर दी.पिछले कुछ वर्षों में विपक्ष को साथ लाने की कोशिश ममता बनर्जी करती रही है कभी वो सोनिया गांधी से भी मिलती थी मगर अब वो सिलसिला बंद है. राष्ट्रपति चुनाव में शरद पवार के उम्मीदवार बनने से इंकार के बाद से वो उनसे भी नाराज़ बताई जाती हैं. बिहार में नीतिश, तेजस्वी और कांग्रेस के साथ आने से वो नीतिश और तेजस्वी से भी खफा हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि 2024 में विपक्ष का मोर्चा बनेगा कैसे? तेलंगाना के मुख्यमंत्री भी ममता बनर्जी की तरह गैर बीजेपी, गैर कांग्रेस गठबंधन की बात करते हैं. जबकि बिहार, झारखंड, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री कांग्रेस के साथ है और महाराष्ट्र का आघाडी यानि शरद पवार और उद्धव ठाकरे भी. महाराष्ट्र के उपचुनाव में भी कांग्रेस ने बीजेपी से एक सीट छीन ली है.राजनीति के जानकार मानते हैं कि हाल के कुछ महीनों से ममता के तेवर प्रधानमंत्री के लिए नरम हैं और वो उन पर तीखे हमले करने से बच रही है. इसका कारण क्या हो सकता है क्या उनके भतीजे और उनकी पत्नी पर ईडी की रेड और उनसे होने वाली पूछताछ एक वजह है या फिर ममता के कई मंत्रियों का भ्रष्टाचार के मामले में जेल में होना भी हो सकता है खास कर पोर्थो चटर्जी, अणुब्रत मंडल, फिरहद हकीम आदि… फिर शारदा घोटाला की तलवार भी कई तृणमूल नेताओं पर लटक ही रही है..
इन सब के बीच लगता है विपक्ष का कोई मोर्चा बने तो बने कैसे क्योंकि यदि कांग्रेस वामदलों के साथ जाती है तो ममता उनके साथ नहीं हो सकती. कांग्रेस के साथ दिक्कत है कि राहुल को सभी विपक्ष का नेता बनाने पर जोर देने पर कई दल बिदक जाते हैं. यही वजह है कि कांग्रेस ने रायपुर अधिवेशन में अपने प्रस्ताव में विपक्ष की अगुवाई की बात छोड़कर सभी समान विचारधारा वाले दलों को साथ लाने की बात कही है. उन्हें लगता है शायद इससे बात बन जाए. मगर अभी अखिलेश यादव ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. अखिलेश और जयंत चौधरी ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा का सर्मथन तो किया मगर निमंत्रण मिलने के बावजूद यात्रा से अपने को अलग रखा.तेलंगाना में इसी साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां कांग्रेस और बीआरएस एक दूसरे के आमने-सामने होंगे. यानि भानुमति के इस कुनबे को इकट्ठा करना इतना आसान नहीं है वैसे भी फ़िलहाल दीदी गुस्से में हैं.